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Judiciary Exam Score Booster 132 CPC 1908
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Question 1 of 40
1. Question
1 pointsCPC 1908
आदेश 40 नियम 3 में प्रावधान है – -
Question 2 of 40
2. Question
1 pointsCPC 1908
स्थावर सम्पत्ति के बँटवारे के लिए वाद कहाँ संस्थित होगा ?
Sec 16 -
Question 3 of 40
3. Question
1 pointsCPC 1908
दीवानी प्रक्रिया संहिता की धारा 10 में प्रदत्त विचाराधीन न्याय का नियम – -
Question 4 of 40
4. Question
1 pointsCPC 1908
सिविल प्रक्रिया संहिता , 1908 की धारा 2 ( 9 ) के अंतर्गत निर्णय का अर्थ है – -
Question 5 of 40
5. Question
1 pointsCPC 1908
‘ A ‘ दिल्ली का एक व्यवसायी ‘ B ‘ जौनपुर के एक व्यापारी को एक एजेण्ट के माध्यम से कुछ समान विक्रय करता है । ‘ A ‘ तथा ‘ B ‘ के मध्य संव्यवहारों के अन्तर्गत कुछ लेन – देन के सम्बन्ध में ‘ B ‘ एक वाद जौनपुर के सिविल न्यायालय में दाखिल करता है , जो उस मामले को देखने तथा विचारण करने के लिए सक्षम है । इस बीच ‘ A ‘ एक वाद उसी मामले में दिल्ली के न्यायालय में दाखिल करता है , ऐसा वाद जो जौनपुर में दाखिल हुआ है
Sec 10 -
Question 6 of 40
6. Question
1 pointsCPC 1908
पूर्व – न्याय ( प्राङ्गन्याय ) सम्बन्धी उपबन्ध सिविल प्रक्रिया संहिता , 1098 की……..में उपबंधित है – -
Question 7 of 40
7. Question
1 pointsCPC 1908
सिविल प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत एक पक्षकार जो व्यवहार प्रकृति का विवाद रखता है , उसे यह अधिकार है कि वह वाद प्रस्तुत कर सकता है , यदि वाद का संज्ञान –
Sec 9 -
Question 8 of 40
8. Question
1 pointsCPC 1908
‘ A ‘ आभूषणों का एक बॉक्स अपने अभिकर्ता के रूप में ‘ B ‘ के पास निक्षिप्त करता है । ‘ C ‘ का यह अभिकथन है कि आभूषण ‘ A ‘ ने उससे सदोष अभिप्राप्त किए थे और वह उन्हें ‘ B ‘ से लेने के लिए दावा करता है । यहाँ ‘ B’ –
Sec 88 -
Question 9 of 40
9. Question
1 pointsCPC 1908
‘ a ‘ एक घोषणात्मक वाद संस्थित करता है कि वह ‘ c ‘ का उत्तराधिकारी होने के नाते एक निश्चित भूमि का प्राधिकारी है । वाद खारिज कर दिया जाता है | पश्चात्वर्ती वाद का दावा प्रतिकूल कब्जे के आधार पर किया गया । पश्चात्वर्ती दावा वर्जित है – -
Question 10 of 40
10. Question
1 pointsCPC 1908
निम्नलिखित में से कौन सिविल कार्यवाही के अधीन गिरफ्तार किए जाने से अवमुक्त नहीं है-
Sec 132,135,135a -
Question 11 of 40
11. Question
1 pointsCPC 1908
सिविल प्रक्रिया संहिता , 1908 के अंतर्गत निम्नलिखित में से कौन डिक्री नहीं है ?
Sec 2(2) -
Question 12 of 40
12. Question
1 pointsCPC 1908
निम्नलिखित में से कौन – सा वाद सिविल प्रकृति का नहीं है ?
Sec 9 -
Question 13 of 40
13. Question
1 pointsCPC 1908
सिविल प्रक्रिया संहिता , की धारा 115 निम्न के बारे में प्रावधान करती है – -
Question 14 of 40
14. Question
1 pointsCPC 1908
निम्नलिखित में से कोन अभिव्यक्ति ” डिक्री ” का एक भाग नहीं है , जैसा कि सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 2 ( 2 ) के तहत परिभाषित किया गया है ? -
Question 15 of 40
15. Question
1 pointsCPC 1908
हर वाद उस निम्नतम श्रेणी के न्यायालय में संस्थित किया जाएगा , जो उसका विचारण करने में सक्षम है । यह प्रावधान संबंध रखता है –
Sec 15 -
Question 16 of 40
16. Question
1 pointsCPC 1908
निम्नलिखित में से कौन – सा व्यवहार प्रकृति का वाद नहीं है -
Question 17 of 40
17. Question
1 pointsCPC 1908
एक विदेशी निर्णय ऐसे किसी विषय में जो प्रत्यक्षतः अधिनिर्णीत हुआ है , उन्हीं पक्षकारों के बीच में निर्णायक होता है –
Sec 13 -
Question 18 of 40
18. Question
1 pointsCPC 1908
धारा 10 व्यवहार प्रक्रिया संहिता संबंधित है – -
Question 19 of 40
19. Question
1 pointsCPC 1908
व्यवहार प्रक्रिया संहिता के तहत डिक्री के सम्बन्ध में इनमें से कौन – सा कथन सही है ?
Sec 2(2) -
Question 20 of 40
20. Question
1 pointsCPC 1908
” वाद कारणों का संयोजन ” संहिता के किस प्रावधान में वर्णित है ? -
Question 21 of 40
21. Question
1 pointsCPC 1908
सिविल प्रक्रिया संहिता , 1908 के अंतर्गत ” हर वाद न्यायालय को या उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त किसी अधिकारी को दो प्रतियों में वाद पत्र देकर संस्थित किया जाएगा ” यह उपबन्धित है – -
Question 22 of 40
22. Question
1 pointsCPC 1908
अभिवचन को परिभाषित किया गया है – -
Question 23 of 40
23. Question
1 pointsCPC 1908
अभिवचन में शामिल नहीं है –
O 6 R 1 -
Question 24 of 40
24. Question
1 pointsCPC 1908
निम्नलिखित में से कौन अभिवचन का नियम नहीं है ?
Order 6 -
Question 25 of 40
25. Question
1 pointsCPC 1908
अभिवचनों के संशोधन के लिए आवेदन . . . . . . . . . . . . . . . . के अन्तर्गत पेश किया जाता है -
Question 26 of 40
26. Question
1 pointsCPC 1908
न्यायालय कार्यवाही के किसी भी प्रक्रम पर किसी भी पक्षकार को अपने अभिवचनों को परिवर्तित या संशोधित करने के लिए दी . प्र . सं . के निम्नलिखित में से किसके अधीन अनुज्ञात कर सकेगा ? -
Question 27 of 40
27. Question
1 pointsCPC 1908
सिविल प्रक्रिया संहिता , 1908 के अंतर्गत अभिवचन को संशोधित किया जा सकता है –
O 6 R 17 -
Question 28 of 40
28. Question
1 pointsCPC 1908
‘ क ‘ अपने वाद में कुछ संशोधन करना चाहता है । प्रतिवादी ऐसे संशोधनों का विरोध करता है । न्यायालय को संशोधन की अनुमति देना चाहिए या नहीं । यदि नहीं , तो कब
O 6 R 17 -
Question 29 of 40
29. Question
1 pointsCPC 1908
निम्नलिखित में से कौन – सा दीवानी प्रक्रिया संहिता की धारा 2 ( 9 ) में परिभाषित ‘ निर्णय ‘ कहा जा सकता है ? -
Question 30 of 40
30. Question
1 pointsCPC 1908
कोई पक्षकार संशोधन करने की अनुमति प्राप्त करने के आदेश के कितने दिनों तक अभिवचन में संशोधन नहीं करता तो न्यायालय की अनुमति के बिना वह संशोधन नहीं कर सकेगा ? -
Question 31 of 40
31. Question
1 pointsCPC 1908
व्यवहार प्रक्रिया संहिता , 1908 का आदेश 7 नियम 1 संबंधित है – -
Question 32 of 40
32. Question
1 pointsCPC 1908
प्लीडर परिभाषित है – ( सी . पी . सी . में ) – -
Question 33 of 40
33. Question
1 pointsCPC 1908
जहाँ किसी कार्य को करने के लिए संहिता द्वारा कोई काल अवधि निर्धारित अथवा अनुज्ञात की गई है , उस स्थिति में न्यायालय स्वविवेक से समय में कितनी वृद्धि कर सकता है ?
Sec 148 -
Question 34 of 40
34. Question
1 pointsCPC 1908
न्यायालय वाद पत्र को उस न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने के लिए लोटा सकता है , जहाँ वाद संस्थित किया जाना चाहिए था
O 7 R 10 -
Question 35 of 40
35. Question
1 pointsCPC 1908
सिविल प्रक्रिया संहिता , 1908 की धारा 2 ( 16 ) में प्रयुक्त ” विहित ” शब्दावली कोष से अभिप्रेत है – -
Question 36 of 40
36. Question
1 pointsCPC 1908
सी . पी . सी . के आदेश 37 के अंतर्गत कोई वाद दाखिल किया जाएगा – -
Question 37 of 40
37. Question
1 pointsCPC 1908
सी . पी . सी . के निम्न में से किस प्रावधान के अन्तर्गत वाद – पत्र का निरस्तीकरण बताया गया है ? -
Question 38 of 40
38. Question
1 pointsCPC 1908
जहाँ एकपक्षीय अस्थायी व्यादेश प्रदान किया गया हो , मूल आवेदन . . . . . . . . . . दिनों में निराकृत किया जाना चाहिए –
O 39 R 3a -
Question 39 of 40
39. Question
1 pointsCPC 1908
सिविल प्रक्रिया संहिता , 1908 के अन्तर्गत निम्न प्रावधानों में से किसमें वाद पत्र को वाद हेतुक न होने के कारण नामंजूर किया जा सकता है ? -
Question 40 of 40
40. Question
1 pointsCPC 1908
वादपत्र कब नामंजूर किया जा सकता है ?
O 7 R 11
Leaderboard: Judiciary Exam Score Booster 132 CPC 1908
Pos. | Name | Entered on | Points | Result |
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No data available | ||||
मुख्य परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रश्न
अब प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के साथ साथ मुख्य परीक्षा की तैयारी भी कीजिए
सिविल प्रक्रिया संहिता 1908
Question 1 किसी वाद अथवा अपील को स्थानान्तरण करने की न्यायालय की शक्तियों का वर्णन कीजिए । क्या पक्षकार इस प्रकार के स्थानान्तरण हेतु आवेदन कर सकता है ? यदि हाँ , तो इस सम्बन्ध में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का वर्णन कीजिए । Hint Sec 24,25
Question 2 उन आधारों को बताइये जिन पर पुनरावलोकन हेतु न्यायालय प्रार्थना – पत्र ग्रहण आदेश कर सकता है । क्या पुनरावलोकन के प्रार्थना – पत्र को अस्वीकार करने के आदेश के विरुद्ध अपील की जा सकती है ? Hint O 47
Question 3 प्रारम्भिक डिक्री किन मामलों में पारित की जा सकती है ? संक्षेप में वर्णन कीजिए | Hint O20R12,14,24,15,16,18
Question 4 प्रापक ( Receiver ) की शक्तियां और प्रतिबंध क्या है ? तथा प्रापक के कर्तव्य भी बताइए | Hint O40,O40R3
Question 5 किसी व्यक्ति की सम्पत्ति को निर्णय से पूर्व कुर्क ( attachment before judgment ) कब किया जा सकता है ? Hint Sec 94,95,O38
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