FIRST INFORMATION REPORT लीगल बज्ज आर्टिकल जुडिशरी एग्जाम स्कोर बूस्टर 33 (हिन्दी में)
प्रथम सूचना रिपोर्ट आपराधिक न्याय प्रशासन को प्रभावी करने का प्रथम चरण प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराना है।
👉 प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 154 (1), 154(3) व धारा 156(3) द.प्र.सं. के माध्यम से दर्ज करायी जाती है।
👉 प्रथम सूचना रिपोर्ट किसी अपराध की सीमित सूचना होती है, वो वादी द्वारा थाना प्रभारी को दी जाती है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट के लिए प्रस्तुत की जाने वाले प्रार्थना-पत्र में जिन तथ्यों का वर्णन होता है, उसके आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित धाराओं में अंकित की जाती है तथा इसके उपरान्त ही विवेचना की कार्यवाही प्रारंभ की जाती है एवं मामले का निस्तारण होता है।
👉 किसी मामले में निर्णय करते समय प्रथम सूचना रिपोर्ट का व्यापक महत्व होता है। तथा जो घटना के विषय में जानकारी देता है। प्रथम सूचना रिपोर्ट जो थाने में दर्ज होती है, उसमें घटना, पीड़ित, अपराधी आदि के संबंध में पूर्ण विवरण होता है। प्रथम सूचना रिपोर्ट जो थाने में अंकित होना है उसमें निम्न तथ्य समाहित होते हैं
1. प्रथम सूचना रिपोर्ट जो थाने में दर्ज है उस पर एक विशेष नंबर अंकित किया जाता है,जो मु.अ. स. —– कहा जाता है।
2. जो प्रार्थनापत्र या घटना की सूचना पाने पर दी गई है उसके संबंध में जो अपराध बनता है उसकी धाराएं प्रथम सूचना रिपोर्ट में अंकित होती हैं।
3. प्रथम सूचना रिपोर्ट में घटना का वर्णन होता है जिसमे घटना का दिन, दिनांक, समय आदि होता है। जिस थाने पर सूचना दी जाती है उसका नाम, सूचना का समय अंकित किया जाता है।
4. प्रथम सूचना रिपोर्ट की सूचना लिखित की गई है या मौखिक है वह तथ्य की अंकित किया जाता है।
5. घटनास्थल का भी पूरा विवरण अंकित किया जाता है।
6. शिकायतकर्ता का भी पूरा विवरण अंकित किया जाता है।
7. थाने पर जो सूचना दी जाती है जिसके आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित की जाती है, उसमें अभियुक्तगण का पूरा नाम, पता व विवरण अंकित किया जाता है। यदि अभियुक्त के विषय में जानकारी प्राप्त है।
8. यदि घटना में कोई सम्पत्ति नष्ट हुई है, तो उसका विवरण दिया जाएगा।
9. थाने पर अंकित प्रथम सूचना रिपोर्ट में उस सूचना के अंश को भी अंकित किया जाता
10. जिस व्यक्ति द्वारा थाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित किया गया है उसका भी विवरण अंकित होता है। किसी मामले में निर्णय करते समय प्रथम सूचना रिपोर्ट का व्यापक महत्व होता है। तथा जो घटना के विषय में जानकारी देता है।
👉 निर्णय करते समय प्रथम सूचना रिपोर्ट के संबंध में निम्न बिन्दुओं पर ध्यान देना चाहिए।
1. क्या प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से अंकित करायी गई है, यदि हां तो उसका क्या कारण है।
2. दूसरी प्रथम सूचना रिपोर्ट के प्रस्तुत होने की स्थिति में
3. जब प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने वाले व्यक्ति को न्यायालय में साक्ष्य के दौरान प्रस्तुत नहीं किया गया।
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